डेढ़ रुपए किलो के रेट से गोबर खरीदेगी छत्तीसगढ़ सरकार,हरेली त्योहार के दिन से गोबर खरीदी की करेगी शुरुवात
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘गाेधन न्याय योजना’ के अंतर्गत गोबर खरीदी के दाम तय कर दिए हैं. राज्य सरकार गोपालकों से डेढ़ रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर की खरीदी करेगी. मंत्रिमंडलीय उप समिति ने शनिवार को हुई बैठक के बाद गोबर खरीदी का रेट तय कर दिया.
छत्तीसगढ़ सरकार अब गायों के लिए भी काम कर रही है, जिसका सीधा लाभ पशु पालने वालो को होगा और इसी लिए इस योजना का एलान किया गया है।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना 2020
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा हरेली से प्रारंभ की जा रही ‘गोधन न्याय योजना’ को प्रभावी ढंग से लागू करने के संबंध में आम जनमानस से सुझाव आमंत्रित किए हैं। कोई भी व्यक्ति या संगठन जो भी सुझाव देना चाहते हैं,
वे इस संबंध में छत्तीसगढ़ कृषि विपणन मंडी बोर्ड, मुख्यालय बीज भवन, पोस्ट -रविग्राम तेलीबांधा, रायपुर, पिन 492002 पर या फैक्स नम्बर 0771-4094472 या ई-मेल mdcgmandiboard@gmail.com पर भेज सकते हैं।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय स्कीम का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने, गौपालन को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा और पशुपालकों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाना है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से गौठान को रोजगार उन्मुख बनाने के लिए गोबर का क्रय कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जाएगी।
योजना से ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसरों में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ किसान, भूमिहीन मजदूर एवं समस्त पशुपालकों की आमदनी में निरंतर बढ़ोत्तरी होगी।
छत्तीसगढ़ न्याय योजना (Chhatisgarh Godhan Nyay Yojana) का आयोजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी द्वारा किया गया है। प्रदेश में ‘गाेधन न्याय योजना’ के तहत 21 जुलाई को हरेली त्योहार के दिन से गोबर खरीदी की शुरुआत की जाएगी
गोबर खरीदी का दाम तय करने के लिए कृषि मंत्री रवींद्र चौबे की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय मंत्रिमंडल उपसमिति बनाई गई थी.
- छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशु पालन को एक व्यवसायीक रूप मिलेगा।
- इस योजना के माध्यम से आय में वृद्धि होने से गायों को सही तरहा का चारा प्राप्त होगा।
- पशुओ के साथ होने वाले हादसो पर इस योजना के ज़रिये रोक भी लग जाएगी।
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राज्य सरकार की ओर से गोबर खरीदी कर किसानों, वन विभाग और उद्यानिकी विभाग को दिया जाएगा। प्रदेश में करीब 2200 गौठान बन चुके हैं। जो गोबर की खरीद करेगा। सरकार ने ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है।
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