दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मार्च से ही स्कूल बंद कर दिए गए हैं. इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि स्कूल कब से खुलेंगे पर शिक्षा विभाग के द्वारा ऑनलाइन क्लास शुरू कर दिया गया है अब इसके साथ ही ऑफलाइन क्लास पर विचार किया जा रहा हैं ,क्योकि ऑनलाइन में कई प्रकार की समस्या देखने को मिल रहा हैं ,जिसमे प्रमुख मोबाइल न होना सब के पास साथ ही नेटवर्क का समस्या बहुत बड़ी है इसके कारन शिक्षा विभाग ने अब ऑफलाइन क्लास का फैसला लिया हैं
कोरोना संकट के बीच सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों को हो रहा है, ऐसे में छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग ने बच्चो की हो रही पढाई की नुकसान को अच्छे से समझ रहा है , जिसके बारें में आज छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया था जिसमे उनको कई सुझव मिले जिनके आधार पर कई अहम फैसले लिए गये हैं जिनके बारें में हम आपको आगे बताने वाले हैं आप पूरा आर्टिकल जरुर पढ़े …..
स्कूल शिक्षा विभाग की मंगलवार को हुई वेबिनार में पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए विभिन्न वैकल्पिक उपायों पर चर्चा की गई,जिसके आधार पर कुछ तरीको पर अच्छे से विचार किया गया ,आइये जानते हैं इन सब को आगे …
ये तीन माध्यम होंगे आफलाइन का माध्यम
लाउडस्पीकर स्कूल :-
जी सबसे पहला ऑफलाइन माध्यम , जिसके बारें में पहले ही छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा चर्चा की गई हैं यहाँ माध्यम छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग और पंचायतो के सहयाता से की जाएगी ,ऐसा प्रयोग गांवों में प्रदेश के कई शिक्षकों ने शुरू भी किया है ,अब इसे पुरें राज्य में लागु किया जा सकता हैं …
गांव और मोहल्लों में समुदाय सहायता :
इसमें शिक्षक समुदाय के विशेष व्यक्तियों से गांवों और मोहल्लों में बच्चों को पढ़ाने के लिए व्यवस्था का अनुरोध करेंगे। शिक्षक यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए एक कैलेंडर तैयार करेंगे और फिर उसी के अनुसार, समुदाय की सहायता से पढ़ाएंगे।
ब्लूटूथ के जरिए:-
इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं है। यह फीचर फोन पर भी काम करता है। ऐसे में इस योजना को आदिवासी क्षेत्रों में किए जाने का विचार है
इसको लेकर भी जो शिक्षक स्वेच्छा से काम करना चाहते हों वे गूगल के लिंक http://forms.gle/qKGrFKUprDWtBzyCA पर जाकर जानकारी दे सकते हैं