छत्तीसगढ़ :- शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आने वाले शिक्षा सत्र 2020-21 में शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत अशासकीय विद्यालयों में कक्षा नर्सरी/के.जी.01/पहली कक्षा में नि:शुल्क प्रवेश लेकर कक्षा 8 वीं तक नि:शुल्क शिक्षा हेतु प्रत्येक विद्यालय में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित है।
इस अधिनियम के अन्तर्गत समस्त चयनित स्कूलों का ग्राम/वार्ड, पड़ोस एवं विस्तारित पड़ोस की सीमा के स्कूलों में ऐसे पात्र बच्चे जिनके अभिभावक अनुसूचित जाति/जनजाति, वन भूमि पट्टाधारी परिवार, विमुक्त जाति, नि:शक्त बच्चे साथ ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बच्चों को इस अधिनियम के माध्यम से प्रवेश मिलेगा।
छत्तीसगढ़ आरटीई प्रवेश आवेदन फॉर्म एवं पंजीयन प्रक्रिया (Application Form and Process)
इन सीटों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, 40 प्रतिशत दिव्यांग, एच.आई.व्ही.पाजीटिव, गरीबी रेखा के नीचे परिवार के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश हेतु ऑनलाईन आवेदन http://eduportal.cg.nic.in/rte/ में किया जा सकता है।
इस हेतु पोर्टल वर्तमान में खुला हुआ है। आवेदन के पश्चात आवश्यक दस्तावेज नोडल अधिकारी (विद्यालय क्षेत्र के शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य)के कार्यालय में जमा करना होगा। ऑनलाईन आवेदन लोक सेवा केन्द्र में किये जा सकते है।
इस तरह कर सकते हैं आवेदन
ऑनलाइन वेबपोर्टल :-
- सबसे पहले आवेदकों को इसकी अधिकारिक वेबसाइट http://eduportal.cg.nic.in/RTE/Index.aspx पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद आपके सामने इसका होमपेज खुलेगा, उस पेज में आपको सामने ‘आरटीई के अंतर्गत छात्र का रजिस्ट्रेशन’ टैब दिखाई देगा. आप उस पर क्लिक करें जोकि छत्तीसगढ़ आरटीई प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म को खोलने के लिए होगा.
- इस आवेदन फॉर्म के लिए आप सीधे इस लिंक http://eduportal.cg.nic.in/RTE/Student/closed.aspx पर भी क्लिक कर सकते हैं. जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जायेगा.
- इस फॉर्म में आवेदकों की कुछ जानकारी पूछी जाएगी, आवेदक इसमें अपनी सभी जानकारी सही – सही भरें.
- जानकारी भर देने के बाद आप इसे एक बार वेरीफाई करें और इसके बाद ‘सबमिट’ बटन पर क्लिक कर अपने ऑनलाइन फॉर्म को जमा कर दें.
आवेदन फॉर्म भरने के बाद भविष्य में इसके रिफरेन्स के लिए आवेदक इसका प्रिंटआउट निकाल कर भी रख सकते हैं.
आरटीई (RTE) क्या है?
भारत के संविधान (86वां संशोधन, 2002) में आर्टिकल-21ए को सम्मिलित किया गया है। इसके अंतर्गत 6 से 14 साल के सभी बच्चों को उनके नजदीक के सरकारी स्कूल में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान है। यहां नि:शुल्क शिक्षा का तात्पर्य है कि बच्चों के अभिभावकों से स्कूल की फीस, बच्चे के यूनिफार्म और पुस्तकों के लिए कोई पैसे नहीं लिए जाते हैं।
वहीं, इस अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत बच्चों का नामांकन बिना किसी शुल्क के किया जाता है। इस वर्ग में इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन यानी आर्थिक रूप से कमजोर और डिसएडवांटेज ग्रुप (जैसे – अनुसूचित जाति (SC) – जनजाति (ST) और अनाथ) को शामिल किया गया है …
अधिक जानकारी के लिए निचे विडियो देखें पूरा ….
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